करेला, वो भी नीम चढ़ा… सुनी है ना ये कहावत…. बस … वही स्थिती है आज। एक तो वैसे ही मूड खराब है, ऊपर से इंटरनेट भी नहीं चल रहा। अब बैठे रहो। वर्ड पर लिखो… और बाद में अपने सबसे अच्छे दोस्त, मियां ब्लॉग को बताओ। हद है।
खैर… अब कुछ कर तो सकते नहीं, तो मुद्दे पर ही आ जाते हैं। मूड खराब है। अब पूछो क्यों??
तो वो इसलिए कि किसी के पास कोई प्लान नहीं है। और हमें जो तरक्की दी गई है, वो मॉरल ऑब्लिगेशन है, और कुछ नहीं। क्योंकि पिछले दो साल से सौमित्र को तरक्की नहीं दी गई थी, इसलिए इस साल दे दी जाए। नहीं तो बेचारा दुखी हो जाएगा। और फिर सौमित्र जैसा मजदूर मिलता भी कहां है आसानी से। इस पूरी इंडस्ट्री में गिने चुने तो लोग हैं, और उसमें से भी दिमाग वाले मजदूर मिलना तो लगभग असंभव है। तो बस, इसे जाने ना दिया जाए। इसलिए तरक्की दी गई है।
एक सीनियर प्रोड्यूसर क्या होता है?? क्या कभी किसी ने ये सवाल किया है?? मुझे नहीं लगता। और यही वजह है कि आपके चैनल में सीनियर प्रोड्यूसर और असिस्टेंट प्रोड्यूसर, दोनों, एक ही काम कर रहे होते हैं। फिर चाहे दोनों में 3 चरणों का फर्क हो। हाइरारकी में आप किसी से तीन ओहदे बड़े हों… होते रहें… घर के होंगे। यहां तो आप भी वही काम करेंगे, जो एक छुटकु असिस्टेंट प्रोड्यूसर करता है। जो आपके काम करने के 4 साल के बाद इस इंडस्ट्री में आया है।
हुआ ये है आज कि श्रीमान धीरज जी जो हैं, वो कंपनी को अपने बाप की जागीर समझ कर, अपने हिसाब से लहराते हुए आए। अब जब तक वो नहीं आते (उनके ओहदा शायद, असिस्टेंट, या ज़्यादा से ज़्यादा एसोसिएट प्रोड्यूसर का होगा।) आप, यानी सौमित्र बुधकर, ऑफिस से नहीं निकल सकते। अप ये पूछिए क्यों??? वो इसलिए क्योंकि शाम को 5 बजे एक शो बनना है। साफ तौर पर मजदूरी वाला काम है। वीटी एस्टन बनाने है। और साथ ही रनडाउन भी। तो वो कौन बनाएगा??? सवाल अच्छा है। पर अगर मजदूरी ही करनी है तो क्या आपको कोई जूनियर नहीं खोजना चाहिए?? एक ऐसा व्यक्ति जो पूरी शिफ्ट संभालता है, जो सीनियर है, उसे आप क्यों रोक रहे हैं?? ताकि वो आपके लिए, अपनी शिफ्ट के बाद रुककर, मजदूरी करे। हद है यार। कितना घटिया विज़न है। या यूं कहिए कि विज़न है ही नहीं। अरे एक बंदा क्यों प्रोमोट किया गया है?? ये सवाल उसे प्रोमोट करते वक्त नहीं पूछा गया। ये भी नहीं पूछा गया कि अब ये प्रोमोट किया जा रहा है, इसके प्रोफाइल में क्या बदलाव होगा?? बस जो कहा गया वो ये, कि भई इससे पहले कि वो छोड़ कर चला जाए, हम उसे अपनी तरफ खींच लेते हैं। ऐसा करो, तरक्की दे दो। खुश हो जाएगा, और कहीं जाएगा नहीं।
हे मेरे बॉस जनों… कृपया ये बताओ… किसी एक पोज़िशन या प्रोफाइल का क्या मतलब है?? अगर ऑफिस में मौजूद हर व्यक्ति को एक ही काम करना है, तो आपने अलग अलग ओहदे बनाए ही क्यों हैं?? अरे, एक ही ओहदा रखते, सब प्रोड्यूसर हैं… आपके अनुभव के आधार पर आपको अलग अलग तनख्वाह मिलेगी। बाकि आप सब प्रोड्यूसर हैं। ऐसे ही, आप सब रिपोर्टर हैं। महीने में आपकी कितनी स्टोरी चलती हैं, उस हिसाब से आपको तनख्वाह दी जाएगी, बाकि आप सब रिपोर्टर हैं। और चंद एडीटर भी होंगे, इस चैनल के। ये वो लोग होंगे, जिनके पास कोई काम नहीं होगा, और ये सिर्फ यही कोशिश कर रहे होंगे, कि कैसे किसी एक प्रोड्यूसर या रिपोर्टर का जीवन नर्क बनाया जाए। या फिर हां… एक काम हो सकता है इन एडीटर्स के लिए, और वो होगा मीटिंग करना। फिर चाहे उस मीटिंग से कुछ निकले या नहीं, पर मीटिंग ज़रूरी है।
कही पढ़ा था मैंने, एक बॉस के लिए काम करना उतना ज़रूरी नहीं है, जितना की मीटिंग करना। और एक एम्पलॉई के लिए, काम करना उतना ज़रूरी नहीं है, जितना की मेल करना। ऑफिस आ कर काम करो न करो, मेल ज़रूर करो।
मेरे लिए कोई प्लान नहीं था, तो मुझे प्रोमोशन क्यों दिया?? नहीं चाहिए भई। पहले की ही पोस्ट अच्छी थी। मन में ये तो न लगता की प्रोमोट किया है, कुछ बदलाव होंगे। क्योंकि काम तो आप अब भी वही कर रहे हो, जो पिछले कई सालों से करते आ रहे हो। और बॉस भी आपको वैसे ही ट्रीट करता है, जैसे पिछले कई सालों से करता आ रहा है।
इसलिए, इस कोफ्त की वजह से.. मूड खराब है।